इन दिनों सोशल मीडिया पर एक भ्रामक खबर तेजी से वायरल हो रही है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने ₹2 के सिक्कों को चलन से बाहर कर दिया है। इस अफवाह के चलते कई दुकानदार और व्यापारी ₹2 के सिक्के लेने से मना कर रहे हैं, जिससे आम जनता खासकर छोटे लेन-देन करने वाले लोग परेशान हो रहे हैं। आइए जानते हैं इस खबर की सच्चाई और क्या कहती है आरबीआई की गाइडलाइन।
RBI की आधिकारिक स्थिति: ₹2 का सिक्का पूरी तरह वैध
भारतीय रिजर्व बैंक ने स्पष्ट किया है कि ₹2 के सिक्के पूरी तरह वैध मुद्रा हैं और इन्हें चलन से बाहर करने की कोई भी आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। वर्तमान में भारत में ₹1, ₹2, ₹5, ₹10 और ₹20 के सिक्के वैध मुद्रा के रूप में उपयोग किए जा रहे हैं।
RBI ने जनता से अपील की है कि वे सोशल मीडिया पर फैल रही झूठी अफवाहों पर विश्वास न करें और ₹2 के सिक्कों का प्रयोग सामान्य लेन-देन में करें।
दुकानदारों का ₹2 का सिक्का न लेना गैरकानूनी
कई स्थानों से यह रिपोर्ट आई है कि दुकानदार ₹2 के सिक्के लेने से मना कर रहे हैं। यह बिल्कुल गलत है और भारतीय मुद्रा अधिनियम के खिलाफ है। जब तक कोई मुद्रा भारत सरकार और RBI द्वारा वैध घोषित है, कोई भी व्यक्ति उसे लेने से इनकार नहीं कर सकता।
यदि कोई दुकानदार ₹2 का सिक्का लेने से मना करता है, तो आप उसके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
बैंक न लें ₹2 के सिक्के तो क्या करें?
अगर कोई बैंक ₹2 के सिक्के लेने से मना करता है, तो आप RBI की शिकायत वेबसाइट पर जाकर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं:
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यह प्लेटफॉर्म बैंकिंग से जुड़ी किसी भी समस्या पर शिकायत दर्ज करने के लिए अधिकृत है। RBI इन शिकायतों पर कार्रवाई करता है।
₹2 के सिक्कों का इतिहास और बदलाव
₹2 का सिक्का भारत में पहली बार 1982 में जारी किया गया था। शुरुआत में इसके डिजाइन में ग्यारह भुजाएं (hendecagonal) थीं।
कुछ प्रमुख बदलाव इस प्रकार हैं:
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1982: पहला ₹2 का सिक्का जारी हुआ
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2004: “Unity in Diversity” डिज़ाइन वाला सिक्का आया
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2007: “Hasta Mudra” डिज़ाइन वाला नया सिक्का जारी किया गया
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2011 के बाद: ₹ प्रतीक के साथ सिक्कों का नया संस्करण आया
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वर्तमान में: ₹2 के सिक्के स्टेनलेस स्टील से बने गोल आकार में जारी हो रहे हैं
सभी पुराने और नए डिज़ाइन के ₹2 के सिक्के चलन में पूरी तरह वैध हैं।
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झूठी खबरें कैसे फैलती हैं?
सोशल मीडिया आज के समय में सबसे तेज़ सूचना का माध्यम बन चुका है। परंतु यही माध्यम अफवाहों का घर भी बन गया है। बिना जांच-पड़ताल के लोग मैसेज फॉरवर्ड कर देते हैं, जिससे समाज में भ्रम फैलता है।
अक्सर अफवाह फैलाने का उद्देश्य होता है:
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जनता में अस्थिरता पैदा करना
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व्यापारिक नुकसान पहुँचाना
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डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देना (गलत ढंग से)
इसलिए जरूरी है कि आप केवल RBI की वेबसाइट या सरकारी सूत्रों से मिली जानकारी पर ही भरोसा करें।
डिजिटल भुगतान से कुछ राहत, पर सिक्कों की भूमिका बनी रहेगी
आज UPI और मोबाइल पेमेंट जैसे डिजिटल विकल्प लोकप्रिय हो चुके हैं। लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों, सड़क किनारे दुकानों, ठेलों और छोटे व्यापारियों के लिए ₹2 के सिक्के आज भी बेहद जरूरी हैं।
इन इलाकों में डिजिटल विकल्पों की पहुंच सीमित है, इसलिए नकद लेन-देन और विशेषकर सिक्कों का महत्व बना हुआ है।
आम जनता के लिए जरूरी सुझाव
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भ्रम में न आएं: ₹2 का सिक्का बंद नहीं हुआ है, यह पूरी तरह वैध है।
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सही जानकारी का पालन करें: RBI या सरकार की आधिकारिक वेबसाइट से ही सूचना प्राप्त करें।
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अपने अधिकार जानें: कोई भी व्यक्ति वैध करेंसी को लेने से मना नहीं कर सकता।
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शिकायत दर्ज करें: दुकानदार या बैंक सिक्का न लें तो शिकायत करें।
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डिजिटल विकल्प अपनाएं: जहाँ संभव हो वहां UPI और QR कोड जैसे विकल्प अपनाएं।
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भ्रामक मैसेज न फैलाएं: बिना पुष्टि के किसी भी सूचना को शेयर न करें।
निष्कर्ष
₹2 के सिक्कों को लेकर सोशल मीडिया पर फैल रही खबरें पूरी तरह झूठी और भ्रामक हैं। RBI ने साफ कहा है कि ये सिक्के चलन में हैं और पूरी तरह वैध हैं। यदि कोई व्यक्ति या संस्थान इन्हें लेने से इनकार करता है, तो यह गैरकानूनी है।
सरकार और RBI की नीतियों पर भरोसा रखें, अफवाहों से बचें और जिम्मेदार नागरिक बनकर सही सूचना का प्रचार करें। याद रखें, हर सिक्का मायने रखता है — ₹2 का भी।
30 सेकंड में जानें – मुख्य बातें:
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₹2 का सिक्का वैध है
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RBI ने बंद करने की कोई घोषणा नहीं की
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न लेने पर शिकायत करें
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सोशल मीडिया की झूठी खबरों पर न जाएं