भारतीय स्टेट बैंक (SBI) देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक है और यह अपनी विश्वसनीयता, मजबूत सेवा प्रणाली और सुरक्षित निवेश विकल्पों के लिए जाना जाता है। SBI की फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) योजना लाखों लोगों की पहली पसंद है क्योंकि इसमें न केवल पैसे की सुरक्षा मिलती है, बल्कि एक निश्चित ब्याज भी तय होता है। हाल ही में SBI ने अपनी FD योजनाओं की ब्याज दरों में बदलाव किया है, जो सभी निवेशकों के लिए जानना जरूरी है।
नई FD ब्याज दरें: पूरी लिस्ट एक नजर में
SBI की फिक्स्ड डिपॉजिट योजनाएं 7 दिन से लेकर 10 साल तक की अवधि के लिए उपलब्ध हैं। नीचे दी गई तालिका में आम नागरिकों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए अलग-अलग ब्याज दरों की जानकारी दी गई है:
अवधि | आम नागरिक (%) | वरिष्ठ नागरिक (%) |
---|---|---|
7 दिन से 45 दिन | 3.30% | 3.80% |
46 दिन से 179 दिन | 5.30% | 5.80% |
180 दिन से 210 दिन | 6.05% | 6.55% |
211 दिन से 1 साल | 6.30% | 6.80% |
1 साल से 2 साल | 6.50% | 7.00% |
2 साल से 3 साल | 6.70% | 7.20% |
3 साल से 5 साल | 6.55% | 7.05% |
5 साल से 10 साल | 6.30% | 7.30% |
ब्याज दरों में बदलाव क्यों होता है?
SBI समेत अन्य बैंक भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति को ध्यान में रखकर समय-समय पर ब्याज दरों में बदलाव करते हैं। जब RBI रेपो रेट में बदलाव करता है, तो बैंकों को भी अपने डिपॉजिट और लोन की दरों को उसी के अनुसार एडजस्ट करना होता है। इसी प्रक्रिया के तहत SBI ने अपनी FD दरों में बदलाव किया है।
वरिष्ठ नागरिकों को ज्यादा ब्याज: एक बड़ी राहत
SBI अपने वरिष्ठ नागरिक ग्राहकों को FD पर 0.50% अतिरिक्त ब्याज देता है। उदाहरण के तौर पर, अगर किसी अवधि के लिए आम नागरिक को 6.30% ब्याज मिल रहा है, तो उसी अवधि में वरिष्ठ नागरिक को 6.80% मिलेगा। यह उनकी नियमित आय को मजबूत करता है, खासतौर पर जब वह सेवानिवृत्त हो चुके होते हैं।
5 साल की टैक्स सेविंग FD: टैक्स बचत का बेहतरीन विकल्प
जो निवेशक टैक्स में छूट पाना चाहते हैं, उनके लिए SBI की 5 साल की टैक्स सेविंग FD एक अच्छा विकल्प है। इसमें निवेश करने पर आयकर की धारा 80C के तहत ₹1.5 लाख तक की छूट मिल सकती है। हालांकि यह एक लॉक-इन योजना होती है, यानी 5 साल तक निवेश की राशि नहीं निकाली जा सकती।
TDS और ब्याज पर टैक्स नियम
FD से मिलने वाला ब्याज टैक्स योग्य होता है। अगर किसी व्यक्ति की सालाना आय टैक्स योग्य सीमा से ऊपर है, तो बैंक FD पर मिलने वाले ब्याज पर TDS काट लेता है।
लेकिन अगर आपकी सालाना आय टैक्स सीमा से कम है, तो आप बैंक में Form 15G (सामान्य नागरिक) या Form 15H (वरिष्ठ नागरिक) जमा कर TDS से बच सकते हैं। यह फॉर्म भरना बेहद आसान है और हर साल नया फॉर्म देना होता है।
यह भी पढ़े:

FD निवेश करने से पहले ध्यान रखने योग्य बातें
-
ब्याज दरों की पुष्टि करें: FD कराने से पहले SBI की ऑफिशियल वेबसाइट या ब्रांच से ताजा ब्याज दरें जरूर देखें।
-
FD की अवधि सोच-समझकर चुनें: अपनी ज़रूरत और भविष्य की योजनाओं को ध्यान में रखकर FD का समय तय करें।
-
टैक्स के प्रभाव को समझें: FD के ब्याज पर टैक्स लगता है, इसलिए टैक्स की योजना पहले से बनाएं।
-
प्रीमैच्योर ब्रेकिंग पर चार्ज: अगर आप FD को समय से पहले तोड़ते हैं, तो बैंक कुछ पेनाल्टी चार्ज करता है। इसे भी समझना जरूरी है।
FD: कम जोखिम और स्थिर रिटर्न का जरिया
SBI की FD योजना उन लोगों के लिए आदर्श है जो निवेश में जोखिम नहीं लेना चाहते और नियमित आय पाना चाहते हैं। सेवानिवृत्त कर्मचारी, गृहिणियां, वरिष्ठ नागरिक और वे लोग जो शेयर बाजार से दूर रहना चाहते हैं, उनके लिए यह योजना एक बेहतरीन विकल्प हो सकती है।
ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से निवेश की सुविधा
SBI अपने ग्राहकों को FD निवेश के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों विकल्प देता है।
-
ऑनलाइन निवेश: इंटरनेट बैंकिंग या YONO ऐप के माध्यम से आसानी से FD करवाई जा सकती है।
-
ऑफलाइन निवेश: पास की SBI शाखा में जाकर फॉर्म भरकर FD खाता खुलवाया जा सकता है।
निष्कर्ष: समझदारी से करें निवेश, बढ़ाएं भविष्य की सुरक्षा
SBI की नई FD ब्याज दरें आम निवेशकों और खासतौर पर वरिष्ठ नागरिकों के लिए फायदेमंद हैं। यह योजना एक सुरक्षित, सरल और भरोसेमंद निवेश विकल्प है जो आपको स्थिर आय देने के साथ-साथ पूंजी की सुरक्षा भी देता है।
लेकिन FD कराने से पहले ब्याज दर, लॉक-इन अवधि, टैक्स नियम और अपनी व्यक्तिगत वित्तीय जरूरतों को समझना बहुत जरूरी है। सही समय पर, सही जानकारी के साथ किया गया निवेश आपके भविष्य की वित्तीय सुरक्षा को मजबूत बना सकता है।